श्री अरुण कुमार सिन्हा, आईएएस (से0 नि0), सन 2015 में प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग में कार्यरत थे। इसी दौरान श्री हीरा लाल की इस विभाग में तैनाती हुई। श्री सिन्हा जी प्रतिदिन कोम्युनिटी के लोगो से लंच के समय में मिलते थे और अपने स्तर से उनकी समस्याओं का समाधान करते थे। श्री सिन्हा के लंच के समय के इन क्रिया कलापों से प्रभावित होकर श्री हीरा लाल ने इस कार्य को तरीके से कोम्युनिटी के लोगों तक विस्तार करने तथा लाभ पहुँचाने की सोची।
लगभग 3 माह में कई बार की चर्चा के बाद श्री सिन्हा जी व्यवस्था बनाकर, इस भावना को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। इसके बाद श्री पवन गंगवार को इस मुहिम में जोड़ा गया। धीरे-धीरे कई दौर की बैठकें की गईं। बैठकों में यह तथ्य सामने आया कि इस तरह की व्यवस्था की आवश्यकता है और इससे किसी का कोई नुक्सान नहीं है। समाज के लोगों की समस्याएं हैं। लेकिन एक दूसरे को न जानने और आपसी सहयोग न मिलने के कारण, समाज के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
उपरोक्त भावना को व्यवस्थित करने के लिए विभागवार 40 Whatsapp Group बनाये गए। प्रत्येक रविवार व अवकाश के दिनों में लोगों द्वारा ‘व्यक्तिगत सामाजिक दायित्व’ यानी PSR (Personal Social Responsibility) के तहत बैठकें की गईं और इस अभियान को संस्थागत बनाने पर गहन चिंतन किया गया। संस्थागत रूप में कार्य करने के लिए “जन सहयोग” संस्था का सृजन किया गया । “जन सहयोग” के माध्यम से संस्था की मूल भावनाओं से अवगत कराते हुए तथा लोगों को समाज सेवा की भवना से जोड़ने का प्रयास किया गया।
यह समस्त प्रक्रिया निम्न 10 सिद्धान्तो पर आधारित थी:
लोगों का इस अभियान में लगातार भारी संख्या में जुड़ने एवं उनके जोश को देखते हुए यह तय किया गया कि समस्या का हल करने वाले वर्ग (Officials) को तो जोड़ लिया गया है, लेकिन समस्याओं से ग्रसित कम्युनिटी के अधिकांश लोग तो गाँवों में रहते हैं। अतः गाँवों को जोड़ने के लिए जिला स्तर पर 49 Whatsapp Group बनाकर टेकनोलोजी के माध्यम से कोम्युनिटी (Kommunity) के लोगों को जोड़ा गया। कुछ जिलों में बैठके भी की गईं। अनुभव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि जिले में ग्राम प्रधानों को जोड़ा जाए। इसमें यह धारणा बनायी गयी कि ग्राम प्रधान द्वारा भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जनहित कार्यक्रमों एवं योजनाओं को ICT के माध्यम से गाँव का विकास कराया जाय। इस कार्यक्रम को संचालित करने का दायित्व मुख्य रूप से श्री मुनीश गंगवार (CJM NABARD, Retd.) एवं श्री विवेक गंगवार को सौंपा गया। इसके तहत रायबरेली (26.02.2017), बरेली (26.03.2017) फैज़ाबाद (09.04.2017) में बैठकें आयोजित की गईं।
कोम्युनिटी (Kommunity) की सेवा के लिए निम्न योजनाएँ भी बनायी गईं :
उपरोक्त में से अब तक 3 कार्ययोजनाएँ मुख्य रूप से धरातल पर उतर पाए।
उपरोक्त कार्ययोजनाओं के संचालन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन सामाजिक सेवा करने का एक व्यापक एवम सरल मंच तैयार हुआ। सदस्यों ने PSR के तहत सार्वजनिक अवकाश के छड़ों का उपयोग करते हुए समाज का मानव प्रसन्नता सूचकांक (Happiness Index) को बढ़ाने में मदद की।