समस्या विकास में बहुत बड़ी बाधा है। समस्याग्रस्त व्यक्ति हैरान, परेशान, दुखी रहता है। फलस्वरूप विकास बुरी तरह से प्रभावित होता है।समस्या को जीवन में आने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन समस्या शीघ्र दूर करके, इसके कुप्रभाव को कम किया जा सकता है। कुप्रभाव को कम करने (minimize) के लिये ही समस्या समाधान का यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
कोम्युनिटी में अपनत्व की समस्या :
बहुधा ऐसा देखा जाता है कि कोम्युनिटी के लोग एक विभाग में काम करते हैं या एक एक जिले, क्षेत्र अथवा पड़ोस में रहते हैं। परन्तु आपस में एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। कोम्युनिटी के लोगों का इस प्रकार अलग-थलग रहना ही उनके विकास में एक बहुत बड़ी बाधा है। आपसी संपर्क का अभाव आत्मीयता में कमी के कारण कोम्युनिटी का विकास रुका हुआ है। जब भी कोई बाधा आती है अथवा किसी विपरीत परिस्थिति से सामना होता है, तो हम स्वयं को बिलकुल अकेला, निरीह और असहाय महसूस करते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियाँ और असमय समस्याएँ हम पर भारी पड़ती है जिसका हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
सदस्यों में आपसी विलगाव कोम्युनिटी की एक सामाजिक समस्या है।
समस्या समाधान प्रक्रिया (Problem Solving Procedure)
समस्या को Message/email/mobile के माध्यम से कार्यालय सहायक ( office executive ) कोेनिम्न निर्धारित प्रारूप पर अवगत करायेगे।
नाम/पता | समस्या संक्षिप्त में | कौन समाधान कर सकता है। नाम, पदनाम, पता, मोबाईल, अन्य विवरण जो आवश्यक हो |
समस्या हल हो जाने पर समस्या बताने वाले सदस्य को निम्न प्रारूप पर सूचना जेएसकार्यालय को देनी होगीः
नाम | समस्या (अति संक्षेप में) | किसने और कैसे हल किया संक्षिप्त विवरण | समस्या हल होने पर कैसा लगा। और अच्छा करने के बारे में आपका सुझाव क्या है? |
विकास के अनेको पहलू और रास्तें है। JS का भी अपना पहलू है। जेएस अपने सदस्यों का आर्थिक विकास-सामाजिक विकास के माध्यम से करना चाहता है। सामाजिक और नेतृत्व विकास के लिए तीन बार कार्यशालायें, 10.04.2016, 12.06.2016, 27.11.2016 को किया गया। सतत प्रयास है कि प्रत्येक स्तर पर सामायिक-ज्ञानवान-सामाजिक कार्यकर्ता ( Updated Social Workers ) को विकसित किया जाये। विभिन्न स्तर के नव-विकसित-सामाजिक-कार्यकर्ता ही, आर्थिक विकास कराने के वाहक और सशक्त माध्यम बनेंगे जो कि Kommunity के जन सामान्य और जेएस के मध्य सूत्र का काम करेंगे।
आर्थिक विकास की दिशा में कार्य करने के लिए यह कार्यक्रम संचालित है। कृषि से संबंधित Kommunity गांव से जुड़ी है। इसलिए गांवों के विकास से ही Kommunity का आर्थिक विकास सम्भव है। गाॅंव के विकास की धुरी ग्राम-प्रधान होता है। Kommunity के गांवों के प्रधान या किसी प्रगतिशील युवक को JS से जोड़ कर, विकास की जानकारी/मंत्र देकर, पूरे गाॅंव को समस्त प्रकार से विकसित करने की योजना है। प्रधान को समस्त आवश्यक जानकारी देकर,Kommunity के सामाजिक नेतृत्व के रूप में, प्रधान को गाॅंव में स्थापित करना है। इस तरह के कार्य का सबसे अच्छा उदाहरण श्री अन्ना हजारे जी है। यही हमारा सपना है।
अन्ना जी ने सेना में छोटे पद पर नौकरी के बाद, अपने गांव को विकसित कर विकास का माडल बनाया। दुनिया के सामने गाॅंव विकास का एक खूबसूरत उदाहरण/चेहरा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार के अनेको और उदाहरण भी है। Kommunity को भी इसी प्रकार अकल से नकल कर गांव विकास का माडल प्रस्तुत करना है (ठमेज च्तंबजपबमे और प्ददवअंजपअम प्कमंे लाकर)। उद्देश्य है कि Kommunity के प्रत्येक गाॅंव को माडल के रूप में विकसित किया जाये। ताकि JS के सभी सदस्यों का सामाजिक विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास के सपने को साकार किया जा सके। जहां प्रधान नहीं है, वहां गांव से Kommunity का अग्रणी व्यक्ति इस भूमिका के लिये चयन किया जायेगा।
एक ग्राम प्रधान को जे एस (JS) से क्यों जुड़ना चाहिए?
JS, अपने (Kommunity) प्रधानो को उनके दायित्वों से संबंधित हर तरह की जानकारी दिलाएगा और कार्य कराने की प्रक्रिया से अवगत करायेगा। राज्य और भारत सरकार की जन लाभकारी योजनाओं को प्रधान के माध्यम से गाॅंव तक पहुंचाकर, JS, Kommunity के गाॅंव को माडल बनाना चाहता है। यह सब कैसे होगा, इसकी पूरी कार्ययोजना हैं:
JS, प्रधान को निम्नलाभ पहुंचायेगा:
गांव को विकसित करने की प्रकिया: तीन प्रशिक्षण
प्रथम प्रशिक्षण
द्वितीय प्रशिक्षण
तृतीय प्रशिक्षण
कोम्मुनिटी के सामाजिक सेवा संस्थाओं / पटेल संस्थाओं के साथ MoU के माध्यम से थिंक थैंक के रूप में कार्य करना।
उद्देश्य-1: सामाजिक सेवा संस्थाओं के साथ MoU के माध्यम से थिंक थैंक के रूप में इन संस्थाओं के उद्देश्यो की पूर्ति कराना।
उद्देश्य-2: जिन जनपदों में सामाजिक सेवा संस्थाध्संस्था नहीं है उन जनपदों में ऐसी संस्था का गठनध्स्थापितध्सृजन कराना।