प्रोग्राम सूची

समस्या विकास में बहुत बड़ी बाधा है। समस्याग्रस्त व्यक्ति हैरान, परेशान, दुखी रहता है। फलस्वरूप विकास बुरी तरह से प्रभावित होता है।समस्या को जीवन में आने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन समस्या शीघ्र दूर करके, इसके कुप्रभाव को कम किया जा सकता है। कुप्रभाव को कम करने (minimize) के लिये ही समस्या समाधान का यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

कोम्युनिटी में अपनत्व की समस्या :

बहुधा ऐसा देखा जाता है कि कोम्युनिटी के लोग एक विभाग में काम करते हैं या एक एक जिले, क्षेत्र अथवा पड़ोस में रहते हैं। परन्तु आपस में एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। कोम्युनिटी के लोगों का इस प्रकार अलग-थलग रहना ही उनके विकास में एक बहुत बड़ी बाधा है। आपसी संपर्क का अभाव आत्मीयता में कमी के कारण कोम्युनिटी का विकास रुका हुआ है। जब भी कोई बाधा आती है अथवा किसी विपरीत परिस्थिति से सामना होता है, तो हम स्वयं को बिलकुल अकेला, निरीह और असहाय महसूस करते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियाँ और असमय समस्याएँ हम पर भारी पड़ती है जिसका हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।

सदस्यों में आपसी विलगाव कोम्युनिटी की एक सामाजिक समस्या है।

  1. कोम्युनिटी के लोग आस-पड़ोस में रहते हुए भी आपसी मेल-जोल क्यों नहीं करते।
  2. यदि आपसी मेल-जोल है भी तो लंबे समय तक सम्पर्क न होना ।

समस्या समाधान प्रक्रिया (Problem Solving Procedure)

  1. समस्या को Message/email/mobile के माध्यम से कार्यालय सहायक ( office executive ) कोेनिम्न निर्धारित प्रारूप पर अवगत करायेगे।

    नाम/पता समस्या संक्षिप्त में कौन समाधान कर सकता है। नाम, पदनाम, पता, मोबाईल, अन्य विवरण जो आवश्यक हो
  2. समस्या ज्ञात होने पर कार्यालय/ंकउपद सबसे उपयुक्त समाधान/हल प्राप्त करने का प्रयास करेगा। इसमें अनुभवी पूर्व कार्यालय सहायक श्री अरविन्द वर्मा का सहयोग लिया जायेगा।
  3. समाधान मिल जाने पर समस्या बताने वाले को सूचित किया जायेगा। दोनो,समस्या और समाधान को आपसी सम्पर्क में लाकर, समस्या के निदान होने तक कार्यालय प्रयास करता रहेगा।
  4. समस्या हल हो जाने पर समस्या बताने वाले सदस्य को निम्न प्रारूप पर सूचना जेएसकार्यालय को देनी होगीः

    नाम समस्या (अति संक्षेप में) किसने और कैसे हल किया संक्षिप्त विवरण समस्या हल होने पर कैसा लगा। और अच्छा करने के बारे में आपका सुझाव क्या है?
  5. समस्या हल हो जाने पर जेएसकार्यालय तिथिवार सबूत सहित record maintain करेगा तथा व्यक्तिगत धन्यवाद समस्या हल करने वाले व्यक्ति को उनके मोबाईल पर ज्ञापित करेगा। group में भी धन्यवाद अंकित किया जायेगा ताकि अच्छा कार्य करने वाले सामाजिक सेवक को लोग जान-पहचान सके।

विकास के अनेको पहलू और रास्तें है। JS का भी अपना पहलू है। जेएस अपने सदस्यों का आर्थिक विकास-सामाजिक विकास के माध्यम से करना चाहता है। सामाजिक और नेतृत्व विकास के लिए तीन बार कार्यशालायें, 10.04.2016, 12.06.2016, 27.11.2016 को किया गया। सतत प्रयास है कि प्रत्येक स्तर पर सामायिक-ज्ञानवान-सामाजिक कार्यकर्ता ( Updated Social Workers ) को विकसित किया जाये। विभिन्न स्तर के नव-विकसित-सामाजिक-कार्यकर्ता ही, आर्थिक विकास कराने के वाहक और सशक्त माध्यम बनेंगे जो कि Kommunity के जन सामान्य और जेएस के मध्य सूत्र का काम करेंगे।

आर्थिक विकास की दिशा में कार्य करने के लिए यह कार्यक्रम संचालित है। कृषि से संबंधित Kommunity गांव से जुड़ी है। इसलिए गांवों के विकास से ही Kommunity का आर्थिक विकास सम्भव है। गाॅंव के विकास की धुरी ग्राम-प्रधान होता है। Kommunity के गांवों के प्रधान या किसी प्रगतिशील युवक को JS से जोड़ कर, विकास की जानकारी/मंत्र देकर, पूरे गाॅंव को समस्त प्रकार से विकसित करने की योजना है। प्रधान को समस्त आवश्यक जानकारी देकर,Kommunity के सामाजिक नेतृत्व के रूप में, प्रधान को गाॅंव में स्थापित करना है। इस तरह के कार्य का सबसे अच्छा उदाहरण श्री अन्ना हजारे जी है। यही हमारा सपना है।

अन्ना जी ने सेना में छोटे पद पर नौकरी के बाद, अपने गांव को विकसित कर विकास का माडल बनाया। दुनिया के सामने गाॅंव विकास का एक खूबसूरत उदाहरण/चेहरा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार के अनेको और उदाहरण भी है। Kommunity को भी इसी प्रकार अकल से नकल कर गांव विकास का माडल प्रस्तुत करना है (ठमेज च्तंबजपबमे और प्ददवअंजपअम प्कमंे लाकर)। उद्देश्य है कि Kommunity के प्रत्येक गाॅंव को माडल के रूप में विकसित किया जाये। ताकि JS के सभी सदस्यों का सामाजिक विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास के सपने को साकार किया जा सके। जहां प्रधान नहीं है, वहां गांव से Kommunity का अग्रणी व्यक्ति इस भूमिका के लिये चयन किया जायेगा।

एक ग्राम प्रधान को जे एस (JS) से क्यों जुड़ना चाहिए?

JS, अपने (Kommunity) प्रधानो को उनके दायित्वों से संबंधित हर तरह की जानकारी दिलाएगा और कार्य कराने की प्रक्रिया से अवगत करायेगा। राज्य और भारत सरकार की जन लाभकारी योजनाओं को प्रधान के माध्यम से गाॅंव तक पहुंचाकर, JS, Kommunity के गाॅंव को माडल बनाना चाहता है। यह सब कैसे होगा, इसकी पूरी कार्ययोजना हैं:

JS, प्रधान को निम्नलाभ पहुंचायेगा:

  1. ज्ञान शक्ति (Knowledge is Power) है। JS के मारफत प्रधान जी सतत् ज्ञान प्राप्त कर शक्तिशाली बनेरहेगे।ज्ञान अर्जन करने की एक अच्छी आदत बन जाएगी। ज्ञान का उपयोग कर प्रधान को अपनी और अपने समाज की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। अत्यावधिक ( Up to date ) ज्ञान के कारण कोई मूर्ख बनाकर धोखा नहीं दे पायेगा। सामाजिक और आर्थिक नुकसान से बचे रहेगे।
  2. सेवा करके सामाजिक सेवक (Social Servant) बन जायेंगे। जानकारी के मारफत सेवा करते रहेंगे, जिससे आगामी चुनाव में जीत आसान होगा। अच्छे कार्य और मदद करने की वजह से गाॅंव में हमेशा लोकप्रिय और आदरणीय बने रहेंगे।
  3. जनपद और राज्य स्तर पर व्यक्ति की जान पहचान बढ़ेगी। सामाजिक सम्पर्क (Social Connection) से सामाजिक पूंजी (Social Capital) बढ़ेगी और सुखानन्द की अनुभूति होगी। प्रधान का सामाजिक-परिवार एवं दायरा बढेगा। बडे़ परिवार और दायरे से बड़ी ताकत का अहसास होगा।
  4. अनुशासन के लिए आचार संहिता (Code of Conduct) का पालन स्वेच्छा से करना होगा। इससे अच्छी आदत विकसित होगी। जिससे व्यक्तित्व में निखार आएगा। अच्छी आदत, अच्छे समाज और बड़े समाज में जुड़ने से दिमाग चलेगा, खुलेगा तो स्वतः आगे बढ़ने के मार्ग प्रशस्त होगा।
  5. नित नए अधिकारियों और लोगों से मुलाकात होगी। इससे बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त होगा। क्योंकि हर व्यक्ति कुछ न कुछ सिखाता है। KICCI (Kommunity Indian Chamber of Commerce and Industry) बनाया गया है ताकि Kommunity के व्यवसायी बन्धुओं को आगे बढ़ाया जा सके।
  6. प्रधानी के कर्तव्यों के निर्वहन और गांव से जुड़ी समस्याओं के निवारण में JS से जुड़ने पर काफी मदद मिलेगी। गांव की समस्याओं का निस्तारण तीव्र गति से होगा। JS और इसके कार्य से प्रधान का जुड़ाव, ग्राम प्रधान को आगे बड़े पदों पर पहुचने मंे सीढ़ी का कार्य करेगा। इससे प्रधान जी को अपना उज्जवल भविष्य बनाने में काफी मदद मिलेगी।
  7. JS के मंच/नेटवर्क/प्लेटफार्म के मारफत प्रधान को अपनी क्षमता बढ़ाने और अपने हुनर को विकसित करने और दिखाने का सुनहरा अवसर बार-बार मिलता रहेगा। JS के माध्यम से गाॅंव का विकास कर दोबारा प्रधानी जीतने में मदद मिलेगी।

गांव को विकसित करने की प्रकिया: तीन प्रशिक्षण

प्रथम प्रशिक्षण

  1. प्रथम चरण में एक कार्यशाला कर पूरी कार्ययोजना से अवगत कराया जायेगा। इसका उद्देश्य होगा कि प्रधान को मानसिक रूप से इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रेरित( motivate ) कर तैयार करना। इसमें JS की परिचायिका पर चर्चा कर JS से भलीभांति परिचित कराया जायेगा।
  2. एक बुकलेट के माध्यम से प्रधान को क्या करना है? कैसे करना? कहां से होगा? क्या सीखना है? क्या देखना है? क्या-क्या बात करनी है? आदि पर संवेदनशील ( sensitization )करके आगामी 01 माह में प्रैक्टिस के लिए तैयार करना होगा। जेएसकार्यालय साप्ताहिक निर्धारित प्रारूप पर मानीटरिंग करेगा। शुरू में मात्र 10 विभाग लिये जायेंगें।

द्वितीय प्रशिक्षण

  1. एक-दो माह बाद द्वितीय प्रशिक्षण कराया जायेगा।
  2. (ए) इसमें एक निर्धारित प्रारूप पर फीड बैक लिया जायेगा। (बी) आगामी एक माह में क्या करना है का बिन्दुवार कार्य योजना ( To do list ) तैयार करके दिया जायेगा और विस्तार से चर्चा और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से तैयार किया जायेगा। इसमें अगले 10 विभागों पर कार्य करने हेतु रूपरेखा दी जायेगी। कार्यालय साप्ताहिक मानीटरिंग निर्धारित प्रारूप पर करेगा।

तृतीय प्रशिक्षण

  1. दो माह बाद पुनः एक नये फीड बैक फार्म पार विचार लिया जायेगा। इस बार सम्पूर्ण कार्ययोजना ( complete to do list ) देकर चर्चा कर समझाया जायेगा। इसके बाद ये लोग गांव में जाकर कार्य करेगे। 04 माह बाद पुनः meeting कर प्रगति परीक्षण ( Progress monitoring ) किया जायेगा।

कोम्मुनिटी के सामाजिक सेवा संस्थाओं / पटेल संस्थाओं के साथ MoU के माध्यम से थिंक थैंक के रूप में कार्य करना।

उद्देश्य-1: सामाजिक सेवा संस्थाओं के साथ MoU के माध्यम से थिंक थैंक के रूप में इन संस्थाओं के उद्देश्यो की पूर्ति कराना।

उद्देश्य-2: जिन जनपदों में सामाजिक सेवा संस्थाध्संस्था नहीं है उन जनपदों में ऐसी संस्था का गठनध्स्थापितध्सृजन कराना।

व्यक्तियों को विकसित करने का अवसर प्रदान
करने के लिए समुदाय के बीच नेटवर्किंग।

कोम्युनिटी इंटरैक्शन के लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करना

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